राजधानी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में दिल्ली टेन्ट फेडरेशन और शादी समारोह से जुड़े सभी व्यापारियो ने दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते शादी, विवाह समारोह में शामिल मेहमानों की संख्या को 200 से घटाकर मात्र 50 करने के फरमान को लेकर मीटिंग का आयोजन किया।
जिसमे दिल्ली टेन्ट फेडरेशन के महासचिव पंकज शौक़ीन ने बताया, कि दिल्ली सरकार के द्वारा लिया गया ये फैसला पूर्ण तयः अनुचित है। क्योंकि 50 के लगभग तो टेन्ट, हलवाई, आदि हमारा स्टाफ़ ही हो जाता है। पिछले लगभग 8 महीनो से हमने मंदी झेली है। अब कुछ 15 दिनों का काम निकलने की उम्मीद थी तो वह भी दिल्ली सरकार के आदेश के कारण धूमिल हो रही है।
दिल्ली सरकार के लिए गए इस फैसले के चलते फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मिलने की हर सम्भव कोशिश की परन्तु लगता है कि मुख्यमंत्री महोदय टेन्ट व्यापारियों की बात नहीं सुनना चाहते, तत्पश्चात सबने एक प्रेस वार्ता रखकर अपनी बात दिल्ली सरकार तक पहुचाने का कार्य करने की कोशिश की।
सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए आज शाम को दिल्ली प्रदेश की सभी एसोसिएशन जिसमें फोटोग्राफी ,टेन्ट, बैंकट ,घोडी, बैंड आदि के पदाधिकारीगण शामिल हुए जिससे कि आगे की रूपरेखा तैयार की जा सके।
बैंकेट एसोसिएशन पदाधिकारी ने बताया सरकार अगर डी टी सी मेट्रो हवाई सेवा रेलसेवा सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत के साथ चला सकती है। तो हमे भी 50 प्रतिशत के साथ काम करने की इजाजत दे।
फोटोग्राफर पत्रिका के अध्यक्ष का कहना है, कि जगह के हिसाब से लोगो की संख्या का चुनाव होना चाहिए हम लोग इतने महीने से सीख रहे ही है कोरोना से कैसे लड़ना है। सरकार को चाहिये कोरोना को खत्म करें लोगों को नही इस तरह से लोग कोरोना से नही भुखमरी से मर जायेगा।
इन लोगो का कहना है, कि दिल्ली सरकार 200 आदमियों की हमारी मांगो को नही मानती है, तो हमारे सामने दो ही रास्ते है , हड़ताल करके सड़क पर चक्का जाम किया जाये।
या फिर कोर्ट जाया जाये, हमे उम्मीद है, कि दोनों सूरत में ही दिल्ली प्रदेश के सभी व्यापारियों का हमे पूर्ण सहयोग मिलेगा।
ब्युरो रिपोर्ट
आर एस न्यूज़ दिल्ल
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