नई दिल्ली । कोरोना की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए राजधानी में 20 अप्रैल 2021 से लगे लॉकडाउन की अवधि को अब एक सप्ताह और बढ़ाकर 31 मई तक के लिए कर दिया है। जिसकी जानकारी खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी ने प्रदेश की जनता को दी है। देश मे चल रहे लॉकडाउन की वजह से जहा निम्न व मध्य वर्ग के परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। तो वही व्यापार जगत की भी कमर टूट चुकी है। इसके राहत देने के लिए दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने अरविंद केजरीवाल से गुहार लगाई है। दिल्ली के व्यापार संघ कैट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से मांग की है 1 जून से दिल्ली का लॉक डाउन खोलने के लिए मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल वाराणसी मॉडल का अध्ययन करें। क्योंकि वाराणसी में स्थानीय प्रशासन व्यापारिक संगठनों के सहयोग एवं उनसे बातचीत करते हुए कोरोना पर काबू पाने के लिए बेहद प्रभावकारी साबित हुआ है। लॉक डाउन के दौरान दिल्ली में बड़ी संख्यां में व्यापारियों को बिजली के बिल दिए गए हैं। जिसमें अधिकांश बिलों में सामन्य रूप से दिए जा रहे बिजली के शुल्क की बजाय और अधिक शुल्क के बिल शामिल हैं, दिल्ली सरकार लॉक डाउन के दौरान जारी सभी बिलों को वापिस लेने का आदेश बिजली कंपनियों को दे। बेहतर होगा की दिल्ली में लॉक डाउन खोलने से पहले सरकार व्यापारी संगठनों से बातचीत कर लॉक डाउन खोलने की दिशा तय करें एवं व्यापारियों द्वारा कोरोना से सुरक्षा के सभी उपायों का बंदोबस्त करे !
दिल्ली के सभी बाज़ारों में डायग्नोस्टिक सेंटर खोले जाएँ जहाँ व्यापारियों के कर्मचारी अपनी टेस्टिंग एवं उपचार करवा सकें। इस काम में जरूरत होगी तो व्यापारिक संगठनों की मदद ली जा सकती है।
प्राथमिकता के आधार पर व्यापारियों एवं उनके परिवारों, कर्मचारियों एवं उनके परिवार वालों को वैक्सीन लगवाने की विशेष व्यवस्था की जाए जिससे व्यापारी संक्रमण से बड़े तौर पर बच सकें। सरकार भी इस बात को तय करे की दिल्ली के सभी बाज़ारों में सफाई की व्यवस्था समुचित रूप से होगी तथा आवश्यकता पड़ने पर किसी भी व्यापारी, कर्मचाकरी या उनके ग्राहक को तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराए। जिस प्रकार से दिल्ली सरकार अन्य वर्गों को वित्तीय सहायता दे रही है, वहीँ दिल्ली के व्यापारियों को इस समय वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है। दिल्ली में 19 अप्रैल से दुकानें और बाजार बंद हैं, और व्यापारियों को पैसे की कोई आमदनी नहीं है। जबकि परिवार की आवश्यकताओं और व्यापार में कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर, ईएमआई के भुगतान, ऋणों पर ब्याज आदि के रूप में व्यापारियों द्वारा धन का खर्चा लगातार हो रहा है। अभी दिल्ली के व्यापारी पिछले लॉक डाउन के नुक्सान से उबर ही रहे थे, की इस वर्ष दोबारा उन्हें लॉकडाउन का सामना करना पड़ा है। जिसके चलते व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है और इस नाते से उनको वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है।
जिन विषयों का निर्णय केंद्र सरकार को करना है उसके लिए श्री केजरीवाल केंद्र सरकार को पत्र लिख कर व्यापारियों की मजबूत पैरवी करें !
रवि शर्मा की रिपोर्ट
राष्ट्र सर्च न्यूज़ दिल्ली
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