नई दिल्ली। देश मे चल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश के क्या गॉव क्या शहर हर कोने कोने से स्वास्थ्य सेक्टर के चरमराने की खबरें देखने को मिल रही है। ऐसे नाजुक समय में एक निजी वेबसाइट की रिपोर्ट ने दावा करते हुए, राजधानी दिल्ली की चिकित्सा सुविधा पर सवालिया निशान लगा दिया है। हाउसिंग कॉम की सेवा पर एक विशेष प्रकार का होता है। जिसमें यह कहा गया है, कि देश के महानगरों और बड़े शहरों में सबसे बेहतर चिकित्सा सुविधा और हेल्थ कैर इन्फ्रास्ट्रक्चर पुणे में है, जबकि दिल्ली एनसीआर को सबसे निचले स्तर में रखा गया है।
रिपोर्ट में सामने आया है कि पुणे और अहमदाबाद हेल्थ कैर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से सबसे बेहतर सुविधाएं हैं। ️ रिपोर्ट️ अगर वहाँ देश की राजधानी की बात करे तो दिल्ली-एनसीआर में एक हजार की आबादी पर अस्पतालों में मरीजों के लिए बस कुछ ही घंटे उपलब्ध हैं।) इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर इलाके की वायु गुणवत्ता और जलाशय की व्यवस्था भी दयनीय है। डेटाबेस की स्थिति में विस्तृत रूप में डेटाबेस की संख्या में वृद्धि होती है, तो डेटाबेस की स्थिति बेहतर होती है, जैसे कि वाट्सएप में डेटाबेस की स्थिति में सुधार होता है।
बता दें कि वैश्विक स्तर पर प्रति एक हजार की आबादी के लिए अस्पताल में मरीजों के लिए 3.5 बिस्तर हैं। इस लिहाज से पुणे के अस्पतालों में उपलब्ध बेड की औसत संख्या वैश्विक औसत के बराबर है। हाउसिंग डॉट कॉम की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर जीडीपी का महज 3.5 प्रति भाग ही खर्च किया जाता है, जबकि विकसित देशों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जीडीपी का 10 से 15 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया जाता है। भारत की आबादी के लिहाज से स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर खर्च काफी कम हो रहा है। दुनिया की स्वस्थ संस्था (WHO) भी बैटरी व्हाट इस बात में है कि यह बात है।
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