नई दिल्ली। भारतीय App Koo को देश मे बड़ी लोकप्रियता मिल रही है। दिन ब दिन इसके डॉउनलोडर लवर की बात करे तो अब तक करीब 30 लाख से ज्यादा लोगो द्वारा डाऊनलोड किया जा चुका है। इसको ट्विटर अप्प के विपक्ष देखा जा रहा है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की टक्कर में लॉन्च हुआ है। Koo एप को मेड इन इंडिया या देसी ट्विटर कहा जाए तो गलत नही होगा। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि सरकार के करीब- करीब सभी मंत्रालय के अकाउंट Koo app पर बन गए हैं। इसके अलावा सरकार इस एप को प्रमोट भी कर रही है। और हालही में Koo app ने आत्मनिर्भर भारत एप चैलेंज में भी अपना जलवा दिखाया था। अब इसके बारे मे यह खबर है कि भारत सरकार आधिकारिक तौर पर Koo app को ट्विटर के विकल्प के तौर पर पेश कर सकती है ?
सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही Koo app को ट्विटर के भारतीय विकल्प के तौर पर आधिकारिक रूप से घोषित कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि Koo app को सरकार पहला सरकारी कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म भी घोषित कर सकती है। दावा अगर सच साबित होता है तो आने वाले समय मे यह भी देखने को मिल सकता है, कि सरकारी मंत्रालय की ओर से सबसे पहले कू एप पर ही जानकारी शेयर की जाएगी और उसके बाद कू के लिंक को ट्विटर पर शेयर किया जाएगा।
एक खबर की माने तो गौरतलब है कि हाल ही में फ्रांस के सुरक्षा विशेषज्ञ ने 'कू एप' के यूजर्स को चेतावनी देते हुए कहा था, कि इस एप पर जिनके भी अकाउंट हैं वे सुरक्षित नहीं हैं। उनके डाटा को लीक किया जा रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञ बैपटिस्ट ने कहा कि उन्होंने ट्विटर पर यूज़र्स के अनुरोध पर कू एप पर 30 मिनट बिताए और पाया कि भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स की संवेदनशील जानकारी जैसे कि ईमेल एड्रेस, नाम और जन्मदिन के साथ-साथ कई अन्य जानकारियां लीक कर रहा है। उन्होंने कू एप के बारे में अपनी इस शोध को विस्तार से बताने के लिए कई ट्वीट किए। इस दावे के बाद कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा है कि डाटा लीक का विवाद फालतू में बनाया जा रहा है। डाटा को लेकर जो दावा किया गया वह यूजर्स की इजाजत के बाद लिया गया डाटा है। जब कोई यूजर्स Koo पर अपनी प्रोफाइल बनाता है तो उससे ई-मेल, मोबाइल नंबर, जन्म तारीख, लिंग और शिक्षा जैसी जानकारियां ली जाती हैं।
क्यो है Koo App Twitter का विकल्प।
आपमें से ज्यादातर लोग Koo एप के बारे में जानते होंगे लेकिन कुछ लोग अभी इससे अनजान होंगें। Koo App एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है जिसे ट्विटर की टक्कर में पेश किया गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो Koo एक मेड इन इंडिया ट्विटर है तो गलत नही होगा। यह हिंदी, अंग्रेजी समेत आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। Koo को एप और वेबसाइट दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका भी इंटरफेस हूबहू ट्विटर जैसा ही है। इसमें शब्दों की सीमा 350 मिल जाती है। कू अप्प को काफी लोकप्रियता भी मिल रही है। आने वाले दिनों में यह ट्विटर को जबरदस्त टक्कर दे सकता है।
रवि शर्मा की रिपोर्ट
आर एस न्यूज़ दिल्ली
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