असम: सरकार ने असम में सरकारी ख़र्चे पर दी जा रही धार्मिक शिक्षा को पूर्णरूप से बंद करने का फैसला किया है। जिसके लिए असम सरकार सदन के शीत कालीन सत्र में एक Bill (विधेयक) पारित करने का फैसला लिया है।
असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्स सरमा ने बताया कि असम सरकार के इस फ़ैसले से करीब 600 मदरसो व संस्कत की शिक्षा बंद हो जाएगी। इन धार्मिक शिक्षा देने पर बैन लगा दिया जायेगा।
सरकार ने इसके पीछे हवाला देते हुए कहा, है की सरकारी खर्च पर किसी धार्मिक शिक्षा को प्रदान करना कतई उचित नही है। बल्कि अब इन मदरसों व संस्कृति संस्थानों में राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जायेगी मतलब यह सरकारी स्कूलों में परिवर्तित हो जाएंगे।
कितना खर्च आता था इन मदरसों पर।
असम सरकार ने इसके बारे में बताया है, कि इन धार्मिक शिक्षा मदरसों पर करीब 206 करोड़ का सालाना ख़र्च आता है। व संस्कत शिक्षा पर करीब 100 करोड का सालाना ख़र्च राज्य की असम सरकार उठाते आ रही है। इसलिए असम में सरकार ने अपने ख़र्च पर किसी भी धार्मिक शिक्षा देने पर आज सदन में विधेयक लाकर पाबंदी लगा दी जाएंगी।
प्राईवेट खर्चा पर भी चलती है धार्मिक शिक्षा।
ऐसा नही की असम में यह धार्मिक शिक्षा सरकारी ख़र्च पर ही दी जाती है। कुछ प्राईवेट मदरसे व संस्कत शिक्षा संस्थान भी ऐसे है, जहाँ बिना किसी सरकारी खर्चे पर यह धार्मिक शिक्षा दी जाती है। पर अभी असम सरकार ने ईन पर कोई फैसला लेने से मना किया है।
सरकार का कहना है, कि अभी सिर्फ सरकारी ख़र्चे पर दी जा रही धार्मिक शिक्षा देने पर ही पाबंदी लगाई जा रही है। और उनमें सिर्फ सरकार द्वारा बनाई गई पाठ्य सामग्री की शिक्षा दी जायेगी।
रवि शर्मा
आर एस न्यूज़
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ