DTEA ने राजधानी दिल्ली में अपने आठवे विद्यालय के उदघाटन की घोषणा की।

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By - Ravi Sharma
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 ब्यूरो रिपोर्ट।

राष्ट्र सर्च न्यूज़ दिल्ली।


तमिल भाषा पर आधारित DTEA स्कूल ने दिल्ली में अपना आठवा स्कूल खोलने पर आज प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी ।


स्कूल के माननीय सचिव आर राजू ने अपने विद्यालय का पूरा विवरण के साथ डीटीईए विद्यालय की पहली शाखा से आठवी शाखा के सफ़र की विस्तृत जानकारी साँझा की।



नई दिल्ली।  दिल्ली तमिल शिक्षा संघ एक 97 वर्ष पुराना भाषाई अल्पसंख्यक समाज है। जो दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में 7 तमिल अल्पसंख्यक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल चलाता है। इस संघ के प्रत्येक विद्यालय का अपना एक गौरवशाली और अनूठा इतिहास है। जिनका उदघाटन दिग्गजों द्वारा किया गया था। इसी श्रखला में जुड़ रहे आठवें विद्यालय की नींव भी तत्कालीन माननीय मंत्री, आवास और शहरी विकास, भारत सरकार और वर्तमान में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकट नायडू द्वारा रखी गई थी। अम्मा ब्लाक में आधार शिला अक्टूबर 2018 में तमिलनाडु के माननीय मुख्यमंत्री श्री एडप्पादी पनलीस्वामी द्वारा रखी गई थी। आज हमारा आठवा विद्यालय उदघाटन के लिए तैयार है। जो सदैव आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए और उनके भविष्य के नए दरवाजे खोलने के लिए तत्पर रहेगा।



DTEA मयूर विहार परियोजना के निर्माण का आरम्भ जनवरी 2019 में हुआ। आज इस योजना का प्रथम चरण पूर्ण कर लिया गया जो ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा के अनुरूप पूर्णत संसाधन सम्पन है। 2 एकड़ में फैली यह पांच मंजिला इमारत निम्नतल और 37 कमरों के साथ बनाई गई है। जिसमे तीन प्रवेश द्वार है इसमें कक्षाएं, विशाल पुस्तकालय, और प्रयोगशाला भी सम्लित है। इसके बाहरी दरवाजे टीकवुड के द्वारा निर्मित सुंदर और स्वागत करते हुए प्रतीक होते हैं। इसके अतिरिक्त इस भवन में चार वातानुकूलित कमरे है।


साथ ही एक प्रशासनिक विभाग है जिसमें 600 वर्ग फीट के स्वागत कक्ष के साथ साथ प्रधानाचार्य का कमरा और प्रबंधन कक्ष भी शामिल है। प्रत्येक मंजिल 11,000 वर्ग फीट में बनाई गई हैं। 



इसका कुल निर्मित क्षेत्र 70,000 वर्ग फुट है। इस भवन के 6 कमरे लगभग 720 (प्रत्येक कमरा) वर्ग फुट में बने है। और यूपीवीसी खिड़कियों और दो लकड़ी के दरवाजों से युक्त यह बहुत ही हवादार है। इस बिल्डिंग का भूतल ग्रेनाइट पत्थर से बना है। और कमरे, गलियारों और शौचालयो के लिए कजारिया टाईल्स का उपयोग किया गया है। भवन का स्वागत कक्ष बहुत आकर्षक है। और स्वागत करने के लिए आधुनिक रूप से तैयार है। 
सभी कमरों में व्यापक तरीके से प्रोधोगिकी का उपयोग करते हुए डाटा प्रणाली को सुचारू रूप से कार्यरत किया गया है। इस भवन के सभी कक्ष और सार्वजनिक क्षेत्र सीसीटीवी से युक्त है यहा सुविधाजनक संचार के लिए नवीनतम सार्वजनिक संबोधन प्रणाली (PA) का प्रयोग किया गया है। इस भवन में प्रत्येक मंजिल पर 6 आधुनिक शौचालयो की व्यवस्था है। जिसमे 2 शौचालय कर्मचारियों के लिए, 2 शौचालय क्षात्रों के लिए और 2 शौचालय क्षात्राओ के लिए आरक्षित है।



इसके अलावा दिव्यांग क्षात्र/क्षात्राओ के लिए भी आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक शौचालय की व्यवस्था है। साथ ही क्षात्रों की सुविधा और सुरक्षा के लिए एक ढलान रैंप और जंगल (रेलिंग) भी लगाए गए हैं। 



भवन के निम्नतल का क्षेत्र 16,000 वर्ग फुट है जो 100 वाहनों को समायोजित कर सकता है। साथ ही भवन में दोनों तरफ सीढ़ियों और लिफ्ट  की सुविधाएं है। जिससे ऊपर की मंजिल पर आना-जाना सुगम रहे। इसके अतिरिक्त प्रस्तुत भवन अन्य सुविधाओं जैसे आंतरिक और बाहरी अग्निशमन प्रणाली, जनरेटर, 2 लाख लीटर की क्षमता का भूमिगत जल भंडारण 30,000 लीटर पीवीसी टैंक से भी युक्त है। प्रत्येक मंजिल पर ठंडे पानी के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) प्रणाली को नवीनतम मापदंडों के आधार पर सुनिस्चित किया गया है। सोलर पैनल भी पाईप लाइन के रूप में व्यवस्थित है। इस भवन के निर्माण की प्रक्रिया में 13.40 करोड़ का टैंडर प्रसारित किया गया और 12.25 का टैंडर दिया गया। परन्तु इसके निर्माण में कुल लागत लगभग14.25 करोड़ आई। जिसमे 11 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। तमिलनाडु सरकार ने इस परियोजना में 5 करोड़ की धनराशि देकर अपना बड़ा योगदान दिया। अन्य धनराशि की व्यवस्था DTEA संस्थान द्वारा की गईं है।



माननीय सचिव श्री आर राजू ने कहा कि मुझे दिल्ली में सबसे बड़ा भाषाई अल्पसंख्यक क्षेशनिक संस्थान डीटीईए के आठवें विद्यालय के उदघाटन की घोषणा करने में बहुत खुशी मिल रही है। वे कहते है कि ईश्वर के आशीर्वाद से प्रबंधन के सदस्यों, शिक्षकों और पूर्व क्षात्रों के अथक प्रयासों से हमने यह एक सपना देखा है जो 2010 में असंभव सा लगने लगा था। मुझे विश्वास है कि डीटीईए मयूर विहार तमिल समाज की सेवा को नया आयाम देगा और आने वाली पीढ़ी के लिए शिक्षा ने नए द्वार खोलेगा।



डीटीईए का विवरण


1923 में स्थापित डीटीईए नई दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों में से एक है। राजधानी में प्रमुख इलाको में इसकी 7 शाखाएं है। लगभग एक सदी से डीटीईए परिवार 7,000 क्षात्रों और 350 कर्मचारियों के साथ एक संस्थान बन गया है। जीवन के सभी क्षेत्रों में डीटीईए विद्यालय के पूर्व क्षात्र अपनी प्रतिभा को सिद्ध कर रहे है।



चिकित्सक, नोकरशाह, वैज्ञानिक, संगीतकार, सुरक्षाकर्मी,कलाकार और अन्य क्षेत्रों में भी डीटीईए के पूर्व क्षात्रों ने अपनी प्रतिभा सिद्ध की है। माननीय सचिव श्री आर राजू के नेतृत्व में वर्तमान प्रबंधन श्रष्ठ  शिक्षा की दिशा में काम कर रहा है। और डीटीईए विद्यालय अपनी असीम उचाईयों को छू रहा है। जो राजधानी के प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में से एक है।



ब्यूरो रिपोर्ट

RS NEWS DELHI

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