जगतपुर (रायबरेली)
-कोरोना महामारी की वजह से जहां स्कूलों का शिक्षण कार्य रोक दिया गया था। लेकिन कुछ राहत के बाद जहां बड़ी कक्षाओं को फिर से कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए खोलने के लिए आदेश दिए गए थे। वहीं प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों का हाल बुरा है। प्राथमिक शिक्षा एक से पांच तक बच्चों को शिक्षा ठीक से नहीं मिल पा रही है। ऑनलाइन शिक्षा बड़े स्कूलों के बच्चों के पास एंडॉयड फोन है। और उनके गार्जियन भी पढ़े लिखे हैं। वे बच्चे तो ऑनलाइन शिक्षा का लाभ उठा रहे हैं।लेकिन सबसे ज्यादा खस्ताहाल सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की है। क्योंकि इन विद्यालय में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे गरीब घरों से आते हैं। इन बच्चों के मां बाप के पास खाने के लिए पैसे नहीं वो एंड्राइड फोन कहां से खरीदें और बच्चों को कैसे पढ़ाएं सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में भी ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। लेकिन गरीब बच्चों के पास फोन ना होने की वजह से वे शिक्षा से वंचित होते चले जा रहे हैं।
और अगर किसी के पास फोन है, भी तो अभिभावक अशिक्षित होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जिससे इन बच्चों के भविष्य पर इसका असर पड़ता दिखाई दे रहा है। क्योंकि पुरानी कहावत है। “करत करत अभ्यास से जड मत होत सुजान, रसरी आवत जात है सिल पर पड़त निशान” बच्चों की शिक्षा में लगे ब्रेक से इन सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की शिक्षा पूरी तरह से चौपट हो रही है।
ब्यूरो रिपोर्ट
आर एस न्यूज़