Delhi: MCD ने ₹30,000 से 1,50,000 तक का लगाया, यूज़र चार्ज, फ्रेंड्स कॉलोनी इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन ने किया विरोध।
“MCD का ₹30,000 से ₹1,50,000 तक का यूज़र चार्ज – सेवा विहीन, संवाद विहीन और उद्योग विरोधी निर्णय”
पूर्वी दिल्ली के औद्योगिक संगठनों का सामूहिक विरोध, नीति वापसी की मांग
दिल्ली, ब्यूरो RSN : दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों पर अचानक थोपे गए यूज़र चार्ज को लेकर राजधानी के उद्योगों में असंतोष गहराता जा रहा है। फ्रेंड्स कॉलोनी इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में यह विरोध अब पूरे पूर्वी दिल्ली के संगठनों का सामूहिक आंदोलन बन चुका है। लोगो ने MCD के द्वारा लगे यूज़र चार्ज की निंदा की है और इसे आम जनता पर सीधा आर्थिक आघात बताया है।
MCD द्वारा लगाए नए शुल्क के अनुसार:
• 100–250 वर्ग मीटर क्षेत्र की इकाइयों पर: ₹30,000 वार्षिक
• 251–1000 वर्ग मीटर तक: ₹60,000 से ₹1,00,000
• 1000 वर्ग मीटर से ऊपर: ₹1,50,000 वार्षिक तक
यह चार्ज सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर वसूला जा रहा है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि MCD की तरफ से उद्योगों को न तो कचरा उठाने की नियमित सुविधा दी जा रही है, न सड़क, ड्रेनेज या स्ट्रीट लाइट जैसी आधारभूत सेवाएं उपलब्ध हैं।
चेयरमैन डॉ. अनिल गुप्ता ने कहा हैं “यह चार्ज एकपक्षीय और अनुचित है। सेवा नहीं, संवाद नहीं, और अब शुल्क - यह उद्योगों के साथ अन्याय है। हम पहले ही कई टैक्स, लाइसेंस फीस, CETP शुल्क और स्थानीय प्रबंधन का खर्च उठा रहे हैं।”
महासचिव विनीत जैन ने अपने विचार रखते हुए कहा हैं कि “सभी इंडस्ट्रियल एरिया लंबे समय से MCD की लापरवाही झेल रहे हैं। अब उन्हीं उद्योगों को बिना किसी सलाह के इतना बड़ा शुल्क देना पड़े — यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता से कोसों दूर है।”
सेवा की स्थिति: वास्तविक आंकड़े
• 70% औद्योगिक इलाकों में कचरा MCD द्वारा नहीं, निजी तौर पर हटाया जाता है।
• 60% स्ट्रीट लाइट खराब या जर्जर, रात में सुरक्षा पर प्रभाव
• बरसात में कई क्षेत्रों में 3 फीट तक जलभराव - ड्रेनेज सिस्टम असफल
• CETP की कार्य क्षमता को जल्द से जल्द अपग्रेड करने की आवश्यकता हैं।
• सड़कें टूटी, बिना नियमित मरम्मत के, भारी वाहन दिनभर चलते हैं।
पूर्वी दिल्ली के प्रमुख संगठनों का समर्थन।
इस मुद्दे पर फ्रेंड्स कॉलोनी इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन को पूर्वी दिल्ली के कई औद्योगिक संगठनों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है, जिनमें शामिल हैं:
• ईस्ट दिल्ली मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन।
• झिलमिल फ्रेंड्स कॉलोनी CETP सोसाइटी।
• झिलमिल इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन
• पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन।
इन सभी ने यह मांग की है, कि MCD पहले सेवाओं की गुणवत्ता सुधारे, फिर कोई शुल्क तय करे।हालांकि यह चार्ज रिहायशी क्षेत्रों पर भी लगाया गया है, परंतु उद्योगों पर इसका असर कहीं अधिक तीव्र है, क्योंकि वे पहले से बिजली, पानी, प्रदूषण नियंत्रण और स्थानीय प्रबंधन जैसे कई खर्च पहले से उठा रहे हैं।
एसोसिएशन की पाँच मुख्य मांगें:
1. यूज़र चार्ज को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।
2. औद्योगिक संगठनों से परामर्श लेकर पारदर्शी नीति तैयार की जाए।
3. सेवाओं पर सार्वजनिक ऑडिट और जवाबदेही तय की जाए।
4. इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशनो और सीईटीपी सोसाइटी को नीति निर्धारण में शामिल किया जाए।
5. MCD अपने सेवा प्रदर्शन की मासिक रिपोर्ट जारी करे और जवाबदेही तय हो। डॉ. अनिल गुप्ता और विनीत जैन ने अंत में कहा है,कि “अगर हम आज नहीं बोले, तो कल और शुल्क थोपे जाएंगे। सभी उद्योग एकजुट हों, तभी नीति में बदलाव संभव है।”
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