खसरा' में यूपी सरकार ने किया नया बदलाव, मिलेगी ढेर सारी सुविधाएं।

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By - Ravi Sharma
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लखनऊ:  यूपी सरकार विकास योजनाओं, आपदा सहायता और तमाम सुविधाएंं गांववासियों को आसानी सेेे सुलभ हो सके इसके लिए खेती की जमीन का महत्वपूर्ण दस्तावेज 'खसरे' के प्रारूप को बदलने का फैसला किया है। इसके लिए योगी सरकार ने यूपी राजस्व संहिता नियमावली में कुछ बदलाव को मंजूरी देने का फैसला लिया है। 'खसरा' अब कंप्यूटर पर ऑनलाइन दिखेगा। अब पड़ताल के बाद लेखपाल खसरे में ऑनलाइन प्रविष्टियां दर्ज कर सकेंगे। खसरे में अब 22 की बजाय 46 कॉलम होंगे। कंप्यूटरीकृत खसरे को 1428 फसली वर्ष (पहली जुलाई, 2020) से लागू किया जाएगा।











उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता में संशोधन:- यूपी शासन ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2020 की मंजूरी के बाद 46 कॉलम अब आठ भागों में बंटे होंगे। पहले भाग में एक से पांच तक के कॉलम खतौनी से स्वत: जेनरेट हो जाएंगे। भाग-2 में सिंचाई साधनों को फसलवार अंकित किया जाएगा। भाग-3 में दैवी आपदा से प्रभावित फसल के क्षेत्रफल को अंकित किया जाएगा। भाग-4 में वृक्षों की स्थिति, भाग-5 में गैर कृषिक घोषित भूमि और उसके उपयोग को दर्शाया जाएगा। भाग-6 में पट्टे की भूमि का विवरण, भाग-7 में दो फसली भूमि का ब्योरा और भाग-8 में ऐतिहासिक महत्व के स्थल समेत कई विवरण दिखाए जाएंगे।







अविवादित वरासत ऑनलाइन होगी दर्ज :- नियम 31 में संशोधन कर अविवादित वरासत को ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया तय की गई है। नियम 16 में संशोधन के जरिये गांवों के सीमांकन के लिए लगाये जाने वाले पिलर पर अक्षांश-देशांतर आधारित 19 अंकों के कोड के इस्तेमाल की व्यवस्था की गई है। कृषि भूमि को गैर खेती की घोषित करने के लिए चहारदीवारी जरूरी नहीं होगी। इससे परियोजनाओं के लिए जमीन मिलने में तेजी आएगी।




संतोष तिवारी

आर एस न्यूज़ लखनऊ

 

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